हीरानंदानी समूह के संस्थापक और प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी सोमवार को मुंबई में एजेंसी के बैलार्ड एस्टेट कार्यालय में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के सामने पेश हुए। ईडी के अधिकारियों ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन मामले में उनसे पूछताछ की। केंद्रीय एजेंसी ने पिछले महीने मुंबई और उसके आसपास हीरानंदानी समूह के परिसरों में तलाशी ली थी। तलाशी के बाद एजेंसी ने निरंजन हीरानंदानी और उनके बेटे दर्शन हीरानंदानी को पूछताछ के लिए बुलाया।
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निरंजन हीरानंदानी ने पहले स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए समन नहीं लिया था, जबकि दर्शन हीरानंदानी ने एजेंसी से अनुरोध किया था कि उन्हें जांच में शामिल होने के लिए कुछ समय दिया जाए। सूत्रों ने कहा कि आरोपी समूह ने महाराष्ट्र और तमिलनाडु में रियल एस्टेट परियोजनाओं वाली समूह कंपनियों में प्राप्त एफडीआई के रूप में 400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया। आरोप है कि पैसे का इस्तेमाल तय सरकारी दिशानिर्देशों के मुताबिक नहीं किया गया।
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हीरानंदनियों ने 2006 और 2008 के बीच ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में कम से कम 25 कंपनियां और एक ट्रस्ट स्थापित किया था। एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि निरंजन हीरानंदानी और उनके परिवार के सदस्य ऑफशोर ट्रस्ट के कथित लाभार्थी थे, जिन्होंने 60 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति अर्जित की थी।
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