केरल उच्च न्यायालय ने कन्नूर जिले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता पी जयराजन की हत्या की कोशिश करने के आरोपी नौ लोगों में से आठ को बरी कर दिया है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपराध में इन आरोपियों की संलिप्तता साबित करने में विफल रहा है। यह मामला 1999 का है।
न्यायमूर्ति पी सोमराजन ने नौ आरोपियों में से एक व्यक्ति को हत्या की कोशिश सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत कई अपराधों के लिए दोषी ठहराया, लेकिन निचली अदालत द्वारा उसे दी गई सजा कम कर दी।
उच्च न्यायालय का 11 जनवरी का यह फैसला छह आरोपियों द्वारा अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देते हुए दायर की गई अपील तथा तीन अन्य आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील के मद्देनजर आया है। यह फैसला बृहस्पतिवार को सार्वजनिक किया गया।
फैसले के बाद जयराजन ने कहा कि उन्हें लगता है कि उन्हें न्याय नहीं मिला है।
माकपा के वरिष्ठ नेता ने संवाददाताओं से कहा कि यह उनका अनुरोध है कि राज्य सरकार को फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि वह कानूनी विशेषज्ञों से इस बात पर चर्चा करेंगे कि क्या पीड़ित होने के नाते वह फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर कर सकते हैं।
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