भारत और बांग्लादेश के बीच 50 साल बाद जमीन की अदला-बदली हुई है। बांग्लादेश के लोगों ने इसे ईद का तोहफा बताया है। भारत ने बांग्लादेश को सीमावर्ती ठाकुरगांव के रानीशंकोई उपजिला की 56.86 एकड़ जमीन सौंपी है। इसके जवाब में भारत को भी बांग्लादेश से 14.68 एकड़ जमीन हासिल हुई है। भारत की ओर से BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) और बांग्लादेश की ओर से BGB (बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) के बीच फ्लैग मीटिंग में जमीनों की अदला बदली हुई। भारत और बांग्लादेश के बीच 1974 में जमीनों की अदला-बदली का समझौता हुआ था लेकिन रानीशंकोई को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। अभी सरकारी जमीन, हकों के बारे में फैसला बाद में होगा
बांग्लादेश को भारत से मिली जमीन अभी खास खातियान (सरकारी जमीन) कहलाएगी। इस जमीन में से 48.12 एकड़ खेती योग्य, 6.87 एकड़ चाय बगान व 1.87 नदी पेटा काश्त की है। बीजीबी के कैप्टन ले.कर्नल तंजीर अहमद का कहना है कि दोनों देशों के बीच जमीन की अदला-बदली सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई है। हमें तो ईद का तोहफा मिल गया। इसके लिए हम बीएसएफ का शुक्रिया अदा करते हैं। अब तक हम भारत के हिस्से में अपनी जमीन के बारे में बुजुर्गों से सुना करते थे, अब हम वहां जाकर खेती कर पाएंगे। आठ अन्य जिलों में सर्वे से भूमि का बंटवारा होगा
बांग्लादेश के 8 अन्य जिलों में भूमि के बंटवारे के लिए सर्वे प्रस्तावित है। इससे दोनों देशों के बीच भूमि का बंटवारा हो सकेगा। सर्वे में बीएसएफ, बीजीबी के साथ अन्य एजेंसियां भी शामिल होंगी। सर्वे साल के अंत तक पूरा होगा।
देश | दैनिक भास्कर