Skip to content
Home » इल्मा बद्दी SP रहेंगी या नहीं, हाईकोर्ट का फैसला आज:कांग्रेस MLA से टकराईं, लंबी छुट्‌टी पर गईं, गृह सचिव-DGP जवाब दे चुके

इल्मा बद्दी SP रहेंगी या नहीं, हाईकोर्ट का फैसला आज:कांग्रेस MLA से टकराईं, लंबी छुट्‌टी पर गईं, गृह सचिव-DGP जवाब दे चुके

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस MLA से टकराने वाली लेडी IPS अधिकारी इल्मा अफरोज बद्दी जिले की SP रहेंगी या नहीं, इसका फैसला आज हो सकता है। इसको लेकर एक जनहित याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले में पिछली सुनवाई में प्रदेश के गृह सचिव और डीजीपी स्पष्टीकरण दे चुके हैं। जिसमें उन्होंने दावा किया कि इल्मा ने खुद उन्हें लिखकर दिया है कि वह बद्दी में काम नहीं करना चाहती, उन्हें कहीं और ट्रांसफर कर दिया जाए। खास बात यह है कि नालागढ़ के एक यौन शोषण केस में हाईकोर्ट ने ही जांच के चलते इल्मा अफरोज को बद्दी से ट्रांसफर करने पर रोक लगा रखी है। इसी वजह से सरकार इल्मा का अपने स्तर पर ट्रांसफर नहीं कर पा रही है। लेडी IPS अधिकारी इल्मा अफरोज से जुड़ा विवाद सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए… विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे
इल्मा अफरोज ने 7 जनवरी, 2024 को बद्दी की SP के तौर पर काम शुरू किया। अगस्त 2024 में इल्मा ने विधायक रामकुमार चौधरी की पत्नी की माइनिंग से जुड़ी गाड़ियों के चालान काटे। इससे विधायक नाराज हो गए। इसके बाद दोनों में टकराव बढ़ता गया। विधायक ने इल्मा को विधानसभा से विशेषाधिकार हनन का नोटिस तक दिलवा दिया। स्क्रैप कारोबारी का नेताओं से कनेक्शन
इस बीच बद्दी में एक फायरिंग कांड हुआ, जिसमे स्क्रैप कारोबारी राम किशन की बुलेट प्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गई। वह पहले पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन SP इल्मा ने कारोबारी का पिछला रिकॉर्ड देखते मंजूरी नहीं दी। जांच में पता चला कि राम किशन ने खुद ही गोलियां चलाईं। इल्मा ने उस पर कार्रवाई शुरू कर दी। कारोबारी नेताओं का करीबी था। इस वजह से भी SP पर दबाव था, लेकिन वह कार्रवाई से पीछे नहीं हटीं। शिमला में मीटिंग की, फिर अचानक आवास खाली कर मां के साथ चली गईं
इल्मा 6 नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में रखी गई DC-SP की मीटिंग में शामिल होने शिमला पहुंची। यहां उनकी मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अफसरों से हुई। उसी दिन इल्मा अफरोज वापस बद्दी लौटीं। उन्होंने अचानक सरकारी आवास से सामान समेटा और फिर मां के साथ उत्तर प्रदेश स्थित अपने गांव लौट गईं। हालांकि उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा। इल्मा के छुट्टी जाने के बाद से SP बद्दी का कार्यभार HPS विनोद धीमान देख रहे हैं। 40 दिन बाद लौटीं, जॉइनिंग का इंतजार करती रहीं
इसके बाद इल्मा अफरोज लगभग 40 दिन तक छुट्‌टी पर रही। छुट्टी के दौरान वह उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद स्थित अपने घर पर रहीं। 16 दिसंबर को उन्होंने शिमला पुलिस मुख्यालय में जॉइन किया। तब से इल्मा बद्दी में तैनाती के आदेशों का इंतजार करती रही। पहले इंतजार विधानसभा के विंटर सेशन समाप्त होने का किया गया। सत्र समाप्त हुआ तो फिर भी सरकार ने उन्हें बद्दी में तैनाती नहीं दी। हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई
इसी दौरान सुच्चा राम नाम के व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी। जिसमें उन्होंने मांग की कि इल्मा को बद्दी का SP लगाया जाए। तब सरकार ने कोर्ट में कह दिया कि इल्मा बद्दी से ट्रांसफर चाहती है। 4 पॉइंट्स में इल्मा अफरोज के संघर्ष और IPS बनने की कहानी 1. पिता के निधन के वक्त 14 साल की थीं
इल्मा उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के गांव कुंदरकी की रहने वाली हैं। उनके पिता का जब देहांत हुआ तब इल्मा 14 साल की थी। इसके बाद उनकी मां ने अपने पैरों पर खड़े होकर उन्हें और उनके 12 साल के भाई को कठिन परिस्थितियों में पाला। उन्हें बड़ा किया और अच्छी शिक्षा दिलाई। 2. सेंट स्टीफन कॉलेज में पढ़ीं, स्कॉलरशिप हासिल की
इल्मा ने शुरुआती पढ़ाई मुरादाबाद में की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक सेंट स्टीफन से फिलॉसफी में ग्रेजुएशन किया। अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा के बलबूते स्कॉलरशिप हासिल की। 3. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से हायर स्टडी की
इसके बाद हायर एजुकेशन के लिए वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी गईं। यहां पढ़ाई के दौरान वह एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पेरिस गईं। इसके बाद उन्होंने न्यूयॉर्क में मैनहट्टन के एक वॉलंटियरी सर्विस प्रोग्राम में भी भाग लिया। 4. न्यूयॉर्क में नौकरी का ऑफर छोड़ा, UPSC परीक्षा पास कर IPS बनीं
इल्मा को न्यूयॉर्क की एक कंपनी में अच्छे पैकेज पर नौकरी का ऑफर मिला था। मगर, देश सेवा की ख्वाहिश लिए वह वापस भारत लौट आईं। इसके बाद उन्होंने 2017 में सबसे कठिन सिविल सर्विस परीक्षा को पास किया। उनका ऑल इंडिया रैंक 217 था। इसके बाद अगस्त 2018 में IPS के लिए चयन होने के बाद उन्हें हिमाचल कैडर मिला।

​देश | दैनिक भास्कर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *