Skip to content
Home » इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली दूसरी बड़ी कंपनी पर FIR:CBI ने रिश्वतखोरी में केस दर्ज किया; मेघा इंजीनियरिंग ने खरीदे थे 966 करोड़ के बॉन्ड

इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली दूसरी बड़ी कंपनी पर FIR:CBI ने रिश्वतखोरी में केस दर्ज किया; मेघा इंजीनियरिंग ने खरीदे थे 966 करोड़ के बॉन्ड

  • by

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने हैदराबाद की कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह कंपनी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने में दूसरे नंबर थी। कंपनी ने 966 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीद थे। यह FIR रिश्वत से जुड़े मामले में की गई है। CBI के मुताबिक, FIR में NISP और NMDC के 8 अधिकारियों और MECON के दो लोगों के नाम भी शामिल हैं। आरोप है कि मेघा इंजीनियरिंग के जगदलपुर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में किए काम के 174 करोड़ रुपए के बिल पास करने के लिए इन अधिकारियों ने 78 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। FIR में कहा गया है कि जगदलपुर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में इंटेक वेल, पंप हाउस और क्रॉस-कंट्री पाइपलाइन के काम के 315 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में रिश्वतखोरी की बात सामने आई थी। एजेंसी ने 10 अगस्त 2023 को प्रारंभिक जांच शुरू की थी। प्रोजेक्ट मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पास था। इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार है मेघा इंजीनियरिंग
1 मार्च 2024 को चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार के रही थी। कंपनी ने BJP को लगभग 586 करोड़ रुपए की सबसे अधिक राशि का दान दिया था। कंपनी ने BRS को 195 करोड़, DMK को 85 करोड़ रुपए और VSRCP को 37 करोड़ रुपए का दान दिया था। TDP को कंपनी से करीब 25 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये मिले थे। JD-S, जन सेना पार्टी और JDU को 5 करोड़ रुपए से लेकर 10 करोड़ रुपए तक की छोटी रकम दी गई थी। एफआईआर में NISP और NMDC के इन अधिकारियों के नाम
रिटायर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रशांत दास, प्रोडक्शन डायरेक्टर डीके मोहांती, DGM भुइंया, DM नरेश बाबू, सीनियर मैनेजर सुब्रो बनर्जी, रिटायर CGM (फाइनेंस) ए कृष्ण मोहन, GM (फाइनेंस) के. राजशेखर, मैनेजर (फाइनेंस) सोमनाथ घोष के नाम शामिल हैं। इन सभी पर 73.85 लाख रुपए की रिश्वतखोरी के आरोप हैं। एजेंसी ने MECON लिमिटेड के दो अधिकारियों AGM (कॉन्ट्रैक्ट) संजीव सहाय और DGM (कॉन्ट्रैक्ट) के. इलावर्सू को भी आरोपी बनाया है। इन दोनों ने NMDC के MEIL को 73 बिलों बदले में किए गए 174.41 करोड़ के पेमेंट के लिए 5 लाख रुपए रिश्वत खाई। इसके साथ ही FIR में मेघा और चंद्रा कंपनी के इंजीनियरों को भी आरोपी बनाया है। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… भाजपा को कांग्रेस से 7 गुना ज्यादा फंडिंग: इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 2023 में मिले 1300 करोड़ रुपए; कांग्रेस को मिले 171 करोड़
भारतीय जनता पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 2022-23 में कुल 1300 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली है। जबकि इन्हीं बॉन्ड के जरिए कांग्रेस को महज 171 करोड़ रुपए का फंड मिला है। यह जानकारी चुनाव आयोग ने शेयर की है। पूरी खबर पढ़ें टॉप 3 पार्टियों को आधे से ज्यादा चंदा 10 कंपनियों ने दिया; BJP को इनसे 2288 करोड़ मिले
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 21 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा पूरा डेटा इलेक्शन कमिशन को सौंपा। आयोग ने इसे सार्वजनिक किया है। इसमें बैंक ने बॉन्ड का अल्फा न्यूमेरिक नंबर भी बताया है, जिससे पता चल गया है कि किस कंपनी ने किस सियासी दल को कितना चुनावी चंदा दिया। पूरी खबर पढ़ें इलेक्टोरल बॉन्ड से BJP को सबसे ज्यादा 6000 करोड़ चंदा: किसने किसको दिया पता नहीं, चुनाव आयोग ने 763 पेजों की 2 लिस्ट अपलोड कीं
चुनाव आयोग ने गुरुवार (14 मार्च) को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी वेबसाइट पर जारी किया। इसके मुताबिक भाजपा सबसे ज्यादा चंदा लेने वाली पार्टी है। 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक पार्टी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपए मिले हैं।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें 30 कंपनियों ने छापेमारी के बाद मोटा चुनावी चंदा दिया: जिसका प्रॉफिट 2 करोड़ भी नहीं, उसने 183 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी अपलोड होने के बाद लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। 30 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने छापेमारी के ठीक बाद राजनीतिक दलों को मोटा चुनावी चंदा दिया। कई और कंपनियों ने अपने नेट प्रॉफिट की तुलना में कई गुना ज्यादा चुनावी चंदा दिया।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें ​​​​​​​SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी डिटेल EC को सौंपी: SC को बताया- हर बॉन्ड का सीरियल नंबर भी दिया; डेडलाइन से डेढ़ घंटे पहले जानकारी दी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उसने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी सौंप दी है। SBI ने कहा कि नई जानकारी में बॉन्ड्स के सीरियल नंबर भी शामिल हैं। पिछली बार इनकी जानकारी नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने SBI के चेयरमैन को फटकार लगाई थी। चुनाव आयोग ने भी नया डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें PM मोदी इलेक्टोरल बॉन्ड पर पहली बार बोले: कहा- स्कीम बनाई तो चंदे के सोर्स पता चले, कोई सिस्टम परफेक्ट नहीं, कमियां सुधर सकती हैं PM नरेंद्र मोदी पहली बार इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर बोले। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले भी चुनावों में खर्चा होता था। तब कौन-सा पैसा कहां से आया और किसने खर्च किया, इसकी जानकारी नहीं मिलती थी। कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं होता। कमियों को सुधारा जा सकता है।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें

​देश | दैनिक भास्कर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *