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सरकार मराठी भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रयासरत: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

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मुंबई। “मराठी भाषा संवाद, विचार, साहित्य और स्नेह से संबंधित भाषा है। इसके संरक्षण के साथ ही प्रचार और प्रसार के लिए सरकार हर स्तर पर सभी प्रयास कर रही है।” यह प्रतिपादन मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने आज यहां किया।
मराठी भाषा गौरव दिन के उपलक्ष में महाराष्ट्र विधानमंडल के सचिवालय की ओर से विधान भवन के केंद्रीय सभागृह में कुसुमाग्रज साहित्य जागर कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे के हाथों उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार की उपस्थिति में हुआ, उस समय वह बोल रहे थे। इस समय विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर, विधान परिषद की उपसभापति डा। नीलम गोऱ्हे, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील, स्कूली शिक्षा एवं मराठी भाषा विभाग के मंत्री दीपक केसरकर, विधान परिषद के प्रतिपक्ष नेता अंबादास दानवे, मराठी भाषा समिति के प्रमुख विधायक चेतन तुपे, विधान मंडल सचिवालय के सचिव जितेंद्र भोले, विलास आठवले सहित विधानमंडल के सदस्य उपस्थित थे।
मराठी भाषा गौरव दिन के उपलक्ष में सभी को शुभेच्छा देकर तथा कुसुमाग्रज की पावन स्मृति को अभिवादन कर मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि कुसुमाग्रज का जन्म दिन मराठी भाषा गौरव दिन के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि कुसुमाग्रज ने अपनी प्रतिभा के बल पर मराठी भाषा को गौरवान्वित करते हुए काफी साहित्य निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि संतों, लेखकों, विचारकों, कवियों, गीत कारों और पत्रकारों के साथ-साथ अनेक लोगों ने मराठी भाषा को जीवित रखने में काफी योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि मराठी भाषा को अभिजात भाषा (शास्त्रीय भाषा) का स्तर दिलवाने के प्रयास किये जा रहे हैं और वरिष्ठ साहित्यकार ज्ञानेश्वर मूले की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा के प्रचार और प्रचार के लिए पठन- संस्कृति को मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से कहीं उपक्रम चलाए जा रहे। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशों में भी मराठी भाषा के प्रचार और प्रसार के लिए वहां के मंडलों को सरकार की ओर से सहायता की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने आगे कहा कि मराठी भाषा के प्रचार एवं प्रसार के लिए अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन, नाट्य सम्मेलन, विश्व मराठी सम्मेलन को राशि उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि दक्षिण मुंबई में मराठी भाषा भवन तथा एरोली में उपकेंद्र निर्माण किया जा रहा है और यह काम मराठी भाषा विभाग की ओर से भाषा के संवर्धन हेतु अन्य कहीं पहेल के साथ किया जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर ने कहा कि हर राज्य की संस्कृति और भाषा का संरक्षण और संवर्धन करने की जवाबदेही संविधान ने सरकार के कंधों पर डाली है। सरकार के साथ ही प्रत्येक नागरिक को अपनी संस्कृति और भाषा को आगे ले जाने के लिए योगदान देने की आवश्यकता पर उन्होंने बोल दिया।
उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा की भाषा को जीवित रखने के लिए उसका ज्ञान भाषा, बातचीत की भाषा और अर्थ से संबंधित भाषा के रूप में उपयोग किया जाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि मराठी भाषा अभिजात भाषा ही है और इसका अधिक से अधिक अध्ययन होना चाहिए जिससे कि यह समृद्ध हो सके। साथ ही उन्होंने मराठी भाषा के दिनचर्या के व्यवहार में उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के कारण प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मातृभाषा में शिक्षा लेने का विकल्प होगा।
कुसुमाग्रज का जन्मदिन मराठी भाषा गौरव दिन के रूप में मनाने की बात कहते हुए उन्होंने आगे कहा कि कुसुमाग्रज मानवतावादी कवि थे। उन्होंने अपनी अलौकिक प्रतिभा के कारण साहित्य के सभी अंगों को स्पर्श कर साहित्य निर्माण किया है। मराठी भाषा के संवर्धन की जवाबदेही उन्होंने सभी मराठी भाषा बोलने वालों पर डाली है। उपमुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने इस समय “तुमची आमची माय मराठी” नमक स्वयं- रचित कविता प्रस्तुत कर मराठी भाषा गौरव दिन के उपलक्ष में सभी को शुभकामनाएं दी।
उप- मुख्यमंत्री श्री अजीत पवार ने कहा कि १ मई तथा २७ फरवरी ये दो दिन काफी महत्वपूर्ण है। १ मई को मराठी राजभाषा दिन के रूप में जबकि २७ फरवरी को मराठी भाषा गौरव दिन के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, संत एकनाथ सहित अनेक संतों ने अपने अलौकिक विचार मराठी भाषा में ही लोगों के सामने रखे हैं। उन्होंने कहा यह भी कहा कि भाषा को समृद्ध करने के लिए संत और साहित्यकारों का योगदान काफी अमूल्य रहा है। उन्होंने मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा देने के लिए सरकार प्रयासरत होने की बात बताई। उन्होंने मराठी भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए राशि की कोई भी कमी ना पढ़ने देने का आश्वासन भी दिया। 
विधान परिषद की उपसभापति डा। नीलम गोऱ्हे ने अपने प्रस्तावित भाषण में मराठी भाषा गौरव दिन के उपलक्ष में आयोजित कुसुमाग्रज साहित्य जागर कार्यक्रम को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से विधानसभा में साधारण ता ७० बार तथा विधान परिषद में १०० बार विभिन्न सदस्यों ने प्रस्ताव रखे, प्रश्न पूछे, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, सूचना रखी, विशेष उल्लेख किया और अल्प सूचना के प्रश्न भी पूछे। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा को प्रतिष्ठा दिलवाने के लिए कई लोगों ने महत्वपूर्ण कार्य किया है जिनमें हिंदू हृदय सम्राट बाला साहब ठाकरे का नाम नाम भी ऊँचे स्थान पर है। उन्होंने आगे कहा कि विधान परिषद के शतकोत्तर महोत्सव वर्ष के उपलक्ष में पत्रकारों के सहयोग से विधान परिषद में विगत १०० वर्षों में हुए कामकाज पर आधारित ५-७ पुस्तकों का शीघ्र ही प्रकाशन किया जाएगा।

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